होम्योपैथिक से नियंत्रित रखें हाइपरटेंशन
आजकल के तनावभरी ज़िन्दगी में हाइपरटेंशन से करोरों आदमी ग्रसित है | हाइपरटेंशन को हाई ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है |हमारे शरीर में जो रक्त मौजूद है वह नसों में लगातार दौड़ते रहते है और इसी के माध्यम से शरीर के सभी अंगो तक उर्जा और पोसन के लिय जरूरी ऑक्सीजन,ग्लूकोस,विटामिन,मिनरल्स,आदि पहुचती है|ब्लैडर प्रेशर उस दवाब को कहते है जो रक्त प्रभा की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है |ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है की ह्रदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और रक्त को नसों से प्रभावित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पर रहा है |मेडिकल गाइडलाइन के अनुसार 130/80mm of Hg से ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर कहलाता है |
कारण : ख़राब जीवनशैली ,अस्वस्र्थ खान-पान ,मोटापा,नींद कम आना ,अत्यधिक गुस्सा करना.मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन करना ,अधिक तनाव लेना,किसी तरह की रोग से ग्रसित रहना जैसे ऑप्ब्सस्सिव कम्पुल्सिव डिसऑर्डर,स्लीप एपनिया ,थाइरोइड की समस्या,आदि |
लक्षण : अधिक तनाव होना ,सर में दर्द होना ,साँसों का तेज़ चलना ,सीने में दर्द की समस्या होना,आँखों में दुन्ध्ला दिखाई देना ,सिर चकराना,थकान,सुस्ती लगना आदि|
बचाव :ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं,कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रखें ,गुस्सा कम करे ,शराब के सेवन से बचें,नियमित वयायम करें ,अपने वजन को नियंत्रित रखें |
होम्योपैथिक ट्रीटमेंट:
होम्योपैथिक ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल करने में सहायक है | इसमें लक्षण के आधार पर अलग_अलग दवाइयां दी जाती है |इसके लिए ऑरम मेट ,रौवोल्फिया, नैट्रम मुरैटिकम,RL 18,आदि दवाइयां दी जाती है |