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HOMEOPATHIC PLAYS IMPORTANT ROLE IN ANKYLOSING SPONDYLITIS

HOMEOPATHIC PLAYS IMPORTANT ROLE IN ANKYLOSING SPONDYLITIS

  • BY Dr. Rajeev's Clinic
  • 18-Mar-2021

होम्योपैथिक दवाईयां कारगर है आंक्यलोसिंग स्पांन्डिलाइटिस मे भी


आज के दौर के लोगों मे अगर देखा जाए तो अधिकतम लोग जोड़ो के दर्द से परेशान रहते है। इसमें से आंक्यलोसिंग स्पांन्डिलाइटिस बड़े स्तर पर देखने को मिलता है। दुनिया मे 0.1प्रतशत से लेकर 1.4प्रतिशत लोग इस बिमारी से पीड़ित है।पुरी दुनिया मे इनके मरीजों का प्रतिशत भले ही छोटा नजर आता है लेकिन 100 मे से लगभग एक वयक्ति इस क्रानिक स्थिति से ग्रसित है।यह एक एसा रोग है जो पीठ, गर्दन और कभी- कभी कुल्हो और एड़ी मे दर्द और जकड़न का कारण बनता है। यह रीढ की हड्डी के आसपास या कुछ जोड़ो मे सुजन के साथ शुरू होता है। यह किशोर या वयस्क अवस्था के युवक और युवतियों को ग्रसित करता है। इसकी शुरुआत बचपन मे भी हो सकती है। इस बिमारी मे हड्डियां आपस मे गुथ जाती है जिसके परिणामस्वरूप रीढ़ की हड्डियां सख्त हो जाती है। इस बिमारी की शुरुआती चरण मे मरीज को अकसर कमर दर्द की शिकायत रहती है। बहुत से लोग इसे सामान्य दर्द मानकर इलाज नहीं करवाते, इसी वजह से बिमारी की पहचान देर से होती है। मरीज दर्द निवारक गोलियां खाते रहते है और वह इस ओर अपना ध्यान नही देते हैं और स्थिति बिगड़ जाती है।


कारण: आंक्यलोसिंग स्पांन्डिलाइटिस का कारण अभी पता नहीं चला है। अधिकांश लोग जो इस रोग से ग्रसित है उन्में HLA-B27 नामक जीन पाया जाता है।जिससे यह होने की आशंका होती है, इसके अलावा अनुवांशिक कारण, जोड़ो मे सुजन, वजन का ज्यादा होना, कमर की पुरानी समस्या जैसे डीजेनेरेटिव डिस्क, स्पाईनल स्टेनोसिस, आदि है।

लक्ष्ण:रीढ़ की हड्डी मे लगातार दर्द होना, गर्दन से लेकर पीठ के निचले हिस्से तक मे अकड़न होना, चलने फिरने मे दिक्कत होना, रीढ़ की हड्डी पर कठोरता और दर्द, कंधों के जोड़ो मे दर्द होना। दर्द का धीरे धीरे बढ़ना या तीव्र होना, 3महिने से अधिक समय तक दर्द का रहना, रात को लेटने और सुबह उठने पर दर्द का ज्यादा बढ़ जाना। पुरे दिन थकान लगना, भूख मे कमी, हल्का बुखार, आंख की सुजन, आदि।


बचाव:शरीर का वजन सामान्य बनाएं रखें, स्वस्थ्य आहार खाएं, शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द हो तो उसे अनदेखा न करें, पेनकिलर खाने से बचें, निरन्तर व्यायाम करे, स्वस्थ जीवनशैली अपनाए,तनाव मुक्त रहे। चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई दवा न लें।


होम्योपैथिक उपचार: आंक्यलोसिंग स्पांन्डिलाइटिस के लिए होम्योपैथी बहुत अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें बिना पेनकिलर दिए रोग के लक्ष्ण के आधार पर रोग के कारण को ठीक किया जाता है तथा बिना किसी साइडइफेक्ट के इसे आगे बढ़ने से रोकता है। इसके लिए एस्क्यूलस, काली कार्ब, रसटाक्स, कोलोसिन्थ, ब्रायोनिया, RL 08,Spondylax,आदि दवांईया दी जाती है।