टिनिटस (कान बजना)
कान बजने की स्थिई आम समस्या नहीं है।कई बार इसे बिमारी का रूप दिया जाता है तो कई बार बिमारियों के लक्ष्ण के रूप में देखने को मिलता है। टिनिटस में बिना किसी कारण कानों के अंदर आवाज सुनाई देती है, जो हर लोगों में अलग-अलग होती है। हालांकि यह समस्या स्थाई नहीं होती लेकिन सही उपचार न किए जाने पर लंबे समय तक को मेडिकल नाम से टिनिटस कहा जाता है।जो ज्यादातर वृद्धावस्था में देखा जाता है। लेकिन आजकल यह बिमारी नौजवानों में भी देखने को मिलता है।
कारण:टिनीटस के कई कारण हो सकते है जैसे कान मे मैल हो जाना,कान में पस बनना, गंभीर चोट या संक्रमण के कारण कान के पर्दे में छेद होना,सर्दी के मौसम मे फ्लू या इन्फेक्शन के कारण कान के आवाज आना,थाएराएड, डायबिटीज, किसी तरह की जोर की आवाज अचानक सुनना, आदि।
लक्ष्ण: कान में तेजी से घंटियां बजना,तेज सर दर्द होना, चक्कर आना, कानों में सिसकारी, आवाज का कान में गुंजते रहना, आवाज का घटना-बढना, सुनाई कम देना, आदि।
बचाव: कान को समय-समय पर साफ करें, अत्यधिक शोर वाले स्थान से दूरी बनाए रखें, कानों में हेडफोन के प्रयोग से बचें, सूखे फल और मेवे का सेवन करें, धूम्रपान और शराब के प्रयोग से बचें।
होम्योपैथिक उपचार:होम्योपैथी टिनिटस को बिना आपरेशन ठीक करने के लिए अच्छा विकल्प है।इसमे लक्ष्ण को लेकर उसके कारण का इलाज किया जाता है जिससे यह पूर्ण तरह बिमारी को ठीक करती है। इसके लिए कैल्केरियाकार्ब,चिनिनमसल्फ,ग्रेफाइटिस,फेरम पिक, जैसी दवाइयां लक्ष्ण के आधार पर दी जाती है।