डिप्रेशन
हम सभी लोगो में कभी न क्स्भी नकारात्मक सोच जरुर आती है। लगता है मुझसे कुछ नहीं हो पाएगा ।जीवन बारा नीरस और खालिगता है। अच्छी बात भी बुरी लगती है और जब ये विचार लम्बे समय तक चलता है तो मनुष्य डिप्रेशन का सीकर हो जाता है ।बहुत बार छोटी छोटी चिन्ताओ को भी डिप्रेशन का नाम दे देते है ।
कारण
डिप्रेशन के अनेकों कारण होते है। डिप्रेशन के नयूरोत्रन्स्मीटर नर्वस सिस्टम को हेमिकल भेजता है। वही अवसाद के समय में यह केमिकल कम हो जाते है तो डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देने लगते है।दूसरा हॉर्मोन की गर्बरी इसमें थाइरोइड ,पिट्यूटरी,एड्रेनैलिन तथा दुसरे ग्लांड्स से स्रावित होने वाले हॉर्मोन में असंतुलन से भी डिप्रेशन हो सकता ।अन्य कारण में अकेलापन ,वैवाहिक या अन्य रिश्तो में खट्टास होना,बेरोजगारी,बार –बार विफल होना,अपनी बात किसी से न कह पाना,काम-काज के कारण तनाव में रहने से व् प्रभावित होते हैं ।
लक्षण
नींद न आना ,बहुत अधिक थकान लगना,किसी व् काम में मन न लगना ,अपने परिजनों से मिलने में अरुचि,दुखी रहना,अपराध बोध,असहाय होने का अनुभव करना ,आत्महत्या करने की इक्षा बार –बार होना ।
बचाव
रिश्तों में सुधर लाएं,सकारात्मक सोच को जगह दे ,अपने आपको व्यस्त रखें,व्यायाम करें,अपने लोगों से मेलजोल बढाए,पानी भरपूर पिएं।
होम्योपैथिक दवा
डिप्रेशन की स्तिथी में होमियोपैथी अत्यंत कारगार है ।इसमें लक्षण के अनुसार चिकित्सा होती ,इसलिए यह दावा लाभकारी होता है ।यह सोचने की इक्षा बढ़ाता है ।कुछ उपयोगी दवाइयां आर्सेनिक एल्बम,कलि फोस,इनेशिया।