कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से हैं, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। डब्ल्यूएचओ की प्राथमिक जांच के अनुसार, यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत चीन के वुहान शहर के एक सी-फूड से फैलने की आशंका जताई जा रही है। चीन में अब तक इसके कारण चार मौत होने की पुष्टि की गई है, जबकि इसकी चपेट में आने वालो की संख्या कहीं अधिक है। यह वायरस एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलता है।
कारण:- कोरोना वायरस ड्रोपलेट इन्फेक्शन के जरिए सर्दी-जुकाम की तरह फैलता है। यदि इस वायरस से संक्रमित कोई भी व्यक्ति छीकता या खांसता है तो यह वायरस वातावरण में आ जाता है और वायु को संक्रमित करता है और जब इस संक्रमित हवा में कोई स्वस्थ व्यक्ति सांस लेता है तो हवा के माध्यम से कोरोना वायरस भी उस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है और संक्रमण पैदा करता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के साथ एक कमरे में रहना, उसे छूना, हाथ मिलाना से भी यह फैलता है।
लक्ष्ण:- इससे ग्रसित व्यक्ति को बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, गले में खराश, नाक से पतला पानी आना, नीमोनिया, कमजोरी महसूस होना, बदन दर्द, आदि जैसे लक्ष्णे देखने को मिलती है।
बचाव:- कोरोना वायरस से बचाव के लिए संक्रमण से अपने आपको बचाएं। अपने हाथों को अक्सर साबुन से धोएं। खांसते-छींकते समय नाक और मुंह पर रूमाल रखें। अंडा और मांस खाने से बचें। स्वचिकित्सा से बचें। किसी प्रकार का बंद डब्बा भोजन पुराना बर्फ का गोला, सील बंद दंध, दूध से बनी मिठाइ या जो 48 घंटे से पहले बनी हो उसे ना खाएं।
होम्योपैथिक उपचार:- होम्योपैथिक दवाइयों के जरिए हम शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना वायरस से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए एकोनाइट, आर्सेनिक अल्बम, जेलसिमियम, रसटाक्स, जस्टिसिया लक्ष्णो के आधार पर दिया जाता है।
बचाव के लिए:-
इन्फलुएन्जिनम 200, 4 बुंद 3 रात ले, और आर्सेनिक अल्बम 200, 4 बुंद अगली 3 रात ले।