फ्रोजेन शोल्डर या कंधे में अकड़न आज एक आम समस्या बनती जा रही है।जब किसी व्यक्ति के कंधे अकड़ जाए, सही तरह से काम नही करते, किसी भी काम को करने में या सामान को उठाने में रोगी को कंधे में बहुत तेज दर्द होता है तो उसे फ्रोजन शोल्डर कहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर सहित तमाम महानगरों में लगभग आठ लाख लोग गर्दन की समस्याओं से जूझ रहे है।फ्रोजन शोल्डर में कंधे की हड्डियों को मूव करना मुश्किल होने लगता है। मेडिकल भाषा में इसे एडहेसिव कैप्सूलाइटिस कहा जाता है। हमारे हर जाइंट के बाहर एक कैप्सूल होता है जो व्यक्ति फ्रोजेन शोल्डर की समस्या से पीड़ित होते है उन्में यही कैप्सूल सख्त हो जाती है।यह दर्द धीरे-धीरे या अचानक शुरू होता है और फिर पूरे कंधे को जाम कर देता है। जैसे ड्रायविंग के दौरान या कोई घरेलू काम करते-करते अचानक यह दर्द हो सकता है। महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा यह ज्यादा होती है।
कारण: फ्रोजेन शोल्डर कई कारणों से हो सकता है लेकिन यह वर्किंग क्लास और कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले लोगों में अधिक पाया जाता है। इसके अलावा काफी समय तक कंधे को एक ही स्थिति में रखना, बहुत देर तक कंधे पर अधिक वजन उठाए रखना, कंधे से बहुत ज्यादा काम न लेना, हड्डियों का कमजोर होना, किसी तरह का चोट या आघात लगना, हड्डियों में कैल्शियम की कमी होना हो सकते हैं।
लक्ष्ण:कंधो में सूजन होना, कंधो में अकड़न होना, जोड़ों का कठोर हो जाना, हाथ हिलाने में मुश्किल होना, कंधो को किसी दिशा में मोड़ने से रोगी को बहुत दिक्कत होना,दर्द का गर्दन और उसके ऊपर के भाग में फैलना, हाथ की काम करने की गति धीमी हो जाना,दर्द का रात में बढ़ना, हाथ को पीछे करने या ऊपर करने से बहुत अधिक दर्द होना, कंधो में ऐंठन होना, आदि।
बचाव: कंधो का हल्का व्यायाम करें, उसे क्लाक और एंटी क्लाक वाइज घुमाएं,गरम पानी से सिंकाई करें, प्रतिदिन मालिश करें, खान-पान का खास ख्याल रखें,ताजी फल-सब्जियां,जूस और पौष्टिक आहार का सेवन करें,पेनकिलर्स का अधिक सेवन न करें।
होम्योपैथिक उपचार: होम्योपैथी फ्रोजेन शोल्डर में बहुत अच्छा काम करती है।यह मांसपेशियों को ताकत देती है तथा उसके कड़ेपन को लचिलेपन में बदलती है।यह लक्ष्ण के आधार पर बिना किसी साइड इफेक्ट् के इसे दूर करती है। इसके लिए लेकनैटिस, रसटाक्स,सपाइजेलिया,फेरम मेट,सैंग्वीनेरिया, RL 08, आदि दवाईयां दी जाती है