होम्योपैथी की दवा को बिना डॉक्टरी सलाह से छोड़ने से बीमारी जड़ से ठीक नहीं होती हैं।
दवा छोडऩे से बीमारी बढऩे पर डोज बढ़ सकती है।
एलोपैथी में ही नहीं होम्योपैथी में भी बिना डॉक्टरी सलाह से कोई दवा न तो लेनी चाहिए न ही छोडऩी चाहिए। यदि ऐसा करते है तो शरीर को नुकसान हो सकता है। साथ ही बीमारी जड़ से ठीक नहीं होती है। होम्योपैथी में कई बार बीमारियों में दवा लंबी चलती है। ऐसे में बीच में दवा छोडऩे से बीमारी बढऩे पर उनकी डोज बढ़ सकती है।
खुद न बनें डॉक्टर।
आमतौर पर छोटी-मोटी शारीरिक परेशानी बुखार, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, सर्दी-जुकाम आदि होने पर लोग खुद या फिर किसी दुकानदार से पूछकर दवा ले लेते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। सामान्य नजर आने वाली बीमारी के पीछे ऐसे कारण हो सकते हैं जिनके बारे में पता नहीं होता। जैसे सिरदर्द थकावट या तनाव से हो सकता है, लेकिन यह ब्रेन हैमरेज से पहले की स्थिति भी हो सकती है। ऐसे में समस्या की वजह जाने बिना दवा के इस्तेमाल से फायदे से ज्यादा नुकसान की आशंका रहती है।