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होम्योपैथिक चिकित्सा से इस तरह दूर करें मोटापा|OBESITY & HOMOEOPATHY

होम्योपैथिक चिकित्सा से इस तरह दूर करें मोटापा|OBESITY & HOMOEOPATHY

  • BY Dr. Rajeev's Clinic
  • 31-Jul-2019

होम्योपैथिक चिकित्सा मोटापा एवं उसके विभिन्न पहलुओं का उपचार करता है। होम्योपैथी में भी वजन कम करने के लिए दवाओं के अलावा डाइट कंट्रोल और एक्सरसाइज पर पूरा जोर दिया जाता है। इन दवाओं से पाचन क्रिया सुदृढ़ होती है, चयापचय की क्रिया अच्छी होती है जिसकी वजह से मोटापा कम होता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए कारगर एवं उपयुक्त होता है क्योकि ये बहुत ही कोमल और पतले होते हैं और आमतौर पर इनका शरीर पर कुप्रभाव नहीं होता।

विगत कुछ वर्षों से obesity(मोटापा)एक महामारी की तरह फैलता जा रहा है।जिसकी चपेट में विश्व की लगभग 30% आबादी आ चुकी है।
अगर भारत की बात करें तो भारत की कुल आबादी का लगभग 5% लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं मतलब करीब करीब 6.5 करोड़ के आसपास।

Obesity एक abnormal & diseased condition है जिसमें जरूरत से ज्यादा शरीर में चर्बी(fat)की मात्रा जमा हो जाती है।
इसका सबसे मुख्य कारण Thyroid gland का सही प्रकार से कार्य न कर पाना i.e, HYPOTHYROIDISM है।
Hypothyroidism होने की वजह से शरीर का BMR (Basal Metabolic Rate)disbalanced हो जाता है।
हम भोजन स्वरुप जो भी आहार लेते हैं उसके metabolism में thyroxine hormone जिसका secretion thyroid gland से होता है का बहुत ही अहम रोल होता है।
Obesity के मुख्य कारण जैसे :-

(1)Hereditary
(2)Hyperinsuilinism
(3)Hypogonadism
(4)Hyperadrenocoticism हैं।

भोजन में fat की मात्रा शरीर के वजन बढ़ने का मुख्य कारक भी है।
हम अपने इस भागदौड़ भरी fast life में अपने शरीर के लिए समय निकाल नहीं पाते हैं।
अगर देखा जाए तो आज के समय में छोटे छोटे बच्चों में भी obesity एक common समस्या हो गई है।इसका सबसे बड़ा कारण mobile phones, laptops, video games, Television तथा अन्य electronic gazets हैं जिन्होंने बच्चों को physical activity तथा play ground & outdoor games से दूर कर दिया है।
 

होम्योपैथी ही क्यों
आमतौर पर चिकित्सक सिर्फ लक्षणों की पहचान के आधार पर अन्य परंपरागत दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन होम्योपैथी में मोटापे के लिए गड़बड़ी का पता लगाने के लिए केस हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री की जरूरत होती है। डॉक्टर के अनुसार, चिकित्सक होम्योपैथी के इलाज के दौरान मरीज से उसके खानपान, जीवनशैली संबंधी आदतों और अन्य स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं। अधिक मात्रा में खाना, खाने में वसा का अधिक उपयोग और शरीर में वसा को आसानी से पचाना आदि सभी आदतें आनुवंशिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं। किसी व्यक्ति का फूडी होना और मोटापे से संबंधित परिस्थिति भी आनुवंशिक हो सकती है।

होम्योपैथी वजन घटाने के लिए कैसे काम करता है?
होम्योपैथिक उपचार पौधों के रस, जड़ी बूटियों और अन्य प्राकृतिक पदार्थ से तैयार किये जाते हैं। इसलिए वजन घटाने की गोलियाँ या उपचार के दौरान इनका शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है। डॉक्टर के अनुसार, होम्योपैथी पाचन संबंधी विकार को दूर करने, चयापचय (metabolism) में सुधार लाने और मलत्याग (elimination) में मदद करने में सहायक है। वजन कम करने के लिए इन तीनों चीजों का सही होना बहुत ज़रूरी है। चिकित्सक रोगी में लक्षणों के पहचान करने के बाद ही दवाओं की सलाह देता है। दूसरी दवाएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रतिबंधित करके आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती हैं लेकिन होम्योपैथी दवाएं वजन बढ़ने के लक्षणों का इलाज करती हैं।

दवा के साथ जरूरी है डाइट और एक्सरसाइज।